जंगल जलाने के बाद जंगली जानवरों के आग में झुलसने के बाद तड़प तड़प कर मरने के बाद जंगलों में बचे हुए जानवरों का कौन बनेगा सहारा
जंगल जलाने के बाद जंगली जानवरों के आग में झुलसने के बाद तड़प तड़प कर मरने के बाद जंगलों में बचे हुए जानवरों का कौन बनेगा सहारा
राकेश राणा बंगाणा ऊना –– हिमाचल प्रदेश के हर जिले में जंगलों को जलाने बालों ने कोई कसर नहीं छोड़ी, इन शरारती तत्वों द्वारा न जाने कितने जीव जंतु पशु पक्षियों को मौत के घाट उतार दिया।बहीं पर करोड़ों रुपए की वन संपदा जल कर राख हो गई।
आज वारिश के बाद जले हुए जंगली जानवरों तथा जली हुई वन संपदा की ही बदबू आ रही है।इस आग में न जाने कितने जीव जंतु पशु पक्षी तड़प तड़प कर मर गए, कुछ अधजले शव कुछ राख बने शव देखने को मिल रहे हैं।
आखिर इतनी वन संपदा को जलाने बालों पर क्यों नहीं हुई सख्त कानूनी कार्रवाई,अगर इन शरारती तत्वों पर सख्त कानूनी कार्रवाई होती तो यह सबक होता इन लोगों के लिए।
आखिर कहां रहे वन विभाग के कर्मचारी फायर बाचर बड़े अधिकारी, जंगलों में अवैध कटान माफिया,अवैध शिकार माफिया,और अब अवैध जंगल जलाने वाले अवैध माफिया भी इस बार पिछे नहीं रहे।
बुद्धिजिवी वर्ग के लोगों में सेवानिवृत्त कैप्टन मदन लाल, सेवानिवृत्त मेजर हरनाम सिंह, सेवानिवृत्त मेजर रधुवीर सिह, सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य प्रितम चंद शर्मा, सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य ठाकुर प्रितम सुमन, समाजसेवी बीर सिंह लंबरदार, सहित अन्य लोगों ने का कहना है कि अगर हमारे जंगलों को सुरक्षित बचाना है तो प्रदेश सरकार व, संबंधित विभाग ऐसे शरारती तत्वों माफियाओं पर सख्त कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है।
बहीं पर वन विभाग जिला ऊना डीएफओ सुशील राणा का कहना है कि वन विभाग द्वारा जंगलों के आसपास व अपनी घासनियो में आग लगाने बालों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जारी है।ऊना जिला में अलग-अलग स्थानों पर लगभग पांच दर्जन लोगों पर कानूनी कार्रवाई हो रही है।