प्रदेश में मानसून के लिए करना होगा इंतजार
प्रदेश में मानसून के लिए करना होगा इंतजार,जून माह के अंत तक मानसून के प्रदेश में आने की संभावना, आगामी दो दिनों में पश्चिमी विक्षोभ के कारण गर्मी से राहत के आसार
पुष्पेंद्र चौधरी : हिमाचल प्रदेश में में इन दिनों सूर्यदेव की तपिश से प्रचंड गर्मी पड़ रही है।प्रदेश में तापमान सामान्य से अधिक चल रहे हैं।यहां तक कि अब पहाड़ों में भी राहत की जगह गर्म हवाएं चल रही हैं।शिमला हो या मनाली या अन्य क्षेत्र सभी जगह गर्म हवाओं का एहसास हो रहा है।इस सीजन में मनाली में भी शिमला से ज्यादा तापमान दर्ज किया गया है।प्रदेश में अगले दो दिनों में पश्चिमी विक्षोभ के चलते इस गर्मी से कुछ राहत मिलने के आसार है।वहीं मानसून भी इस बार देरी से आने की संभावना है।जून माह के अंत तक प्रदेश में मानसून प्रवेश कर सकता है वहीं 25 जून के बाद प्री मानसून की बौछारें पड़ सकती हैं।
विओ : मौसम विभाग के निदेशक सुरेंद्र पॉल ने कहा कि गत कुछ दिनों से प्रदेश में भारी गर्मी पड़ रही है जिसके चलते मौसम विभाग ने लू का अलर्ट भी जारी किया था।वहीं आज भी पंजाब के साथ लगते क्षेत्रों के लिए हीट वेव का अलर्ट जारी किया गया है।उन्होंने कहा कि आज से पर्डेज़ह मे पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो रहा है जिससे गर्मी से राहत मिलने वाली है। जिसके चलते प्रदेश में दो दिन बारिश और होने की संभावना है । इस दौरान मध्यवर्ती और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में अंधड़ के साथ बारिश हो सकती है। को प्रदेश के कुछ हिस्सों में बारिश हुई है उनकी राजधानी शिमला में धूप खिली हुई है हुई आगामी दिनों में शिमला सहित कई हिस्सों में बारिश होने की संभावना है। बारिश होने से जहां पर लोगों को गर्मी से राहत मिलेगी।वही गत तीन दिनों में मनाली का तापमान भी शिमला से अधिक रहा जबकि मनाली में शिमला से कम तापमान रहता है।उन्होंने कहा कि अभी दो दिनों में पश्चिमी विक्षोभ के कारण तापमान कम होंगे फिर तापमान बढ़ने के आसार है। उन्होंने कहा कि 25 जून के बाद प्रदेश में प्री मानसून के आसार है। वही जून माह के अंत वह जुलाई की शुरुआत में मानसून के प्रदेश में प्रवेश करने की संभावना है । उन्होंने कहा कि इस बार मानसून में कुछ देरी हुई है।
हिमाचल में पड़ रही भीषण गर्मी से हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। राज्य के अधिकांश हिस्सों में लू की स्थिति बनी हुई है। ऐसे में प्रदेश के 1797 पेयजल स्त्रोतों व छोटी परियोजनाओं में पानी लगभग सूख गया है। हालत यह है कि पेयजल संकटग्रस्त क्षेत्रों में जल शक्ति विभाग की ओर से पेयजल की किल्लत को रोकने के लिए अन्य पेयजल योजनाओं को प्रभावित योजनाओं के साथ जोड़ा गया है।राजधानी शिमला में भी पानी का संकट खड़ा हो गया है। शहर में 4 दिन बाद पानी मिल रहा है।