शिमला

जनभावना और कानून के बजाय आलाकमान के दबाव में काम कर रही सुक्खू सरकार : जयराम ठाकुर

पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर
स्ट्रीट वेंडर के सत्यापन और आईडी कार्ड पर सरकार के यू-टर्न पर बोले नेता प्रतिपक्ष
जनभावना और कानून के बजाय आलाकमान के दबाव में काम कर रही सुक्खू सरकार : जयराम ठाकुर
अगर योगी मॉडल अच्छा है तो उसे लागू करने से क्यों डर रही है सुक्खू सरकार
नियमानुसार होने वाले सत्यापन और पंजीकरण को क्यों रोक रही है सरकार
आलाकमान की नियम विरुद्ध बदलाव के आगे मंत्रियों का झुकना निंदनीय

शिमला : शिमला से जारी बयान में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सुक्खू सरकार द्वारा स्ट्रीट वेंडर पॉलिसी को लागू करने का आदेश देने और बाद उस पर रोक लगाने की निंदा की है। उन्होंने कहा कि सरकार कांग्रेस आलाकमान के दबाव में झुक गई है। इस नियम का विरोध इसलिए किया जा रहा है क्योंकि यह योगी मॉडल है। विधिसम्मत तरीके से की जा रही कार्रवाई को सुक्खू सरकार द्वारा वापस लेना निंदनीय है। यह नियम पूर्व सरकार के समय से चल रहा था। स्ट्रीट वेंडर पॉलिसी के तहत सभी दुकानदारों का सत्यापन, पंजीकरण के लिए विभिन्न प्रकार के नियमन के जुड़े प्रावधान किए गए थे, जिसे सत्ता में आते ही सुक्खू सरकार द्वारा रोक दिया गया था। यह रोक क्यों लगी, इस पर भी सरकार को जवाब देना चाहिए। प्रदेश और प्रदेशवासियों के हितों की रक्षा सरकार का काम है लेकिन सुक्खू सरकार कांग्रेस के हितों की रक्षा करने का काम कर रही है।

जयराम ठाकुर ने कहा कि सुक्खू सरकार जनभावना और कानून के विपरीत अपने आलाकमान के राजनैतिक मंसूबों को ध्यान में रखकर काम रही है। यह किसी भी तरह से प्रदेश के हित में नहीं है। क्या प्रदेश में दुकान लगाने वाले, विभिन्न प्रकार के उत्पाद बेचने वाले लोगों के बारे में नियामक संस्थाओं और प्रदेश के लोगों को जानने का हक नहीं हैं। क्या प्रदेश को नियमों के अनुसार चलाए जाने के बजाय दिल्ली आलाकमान के राजनैतिक मंसूबों के हिसाब से चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार सिर्फ इसलिए बैकफुट पर जा रही है क्योंकि यह फैसला योगी मॉडल के तहत किया गया है। कांग्रेस के मंत्री ने भी कहा कि यह फैसला योगी मॉडल और प्रदेश और प्रदेशवासियों के हितों के ध्यान में रखकर किया गया है। यदि किसी प्रदेश में कोई अच्छी पॉलिसी लागू है तो उसे दूसरी जगह लागू करने में क्या बुराई है? किसी नियम और नीति का विरोध इस आधार पर नहीं किया जाना चाहिए कि वह विपक्षी पार्टी के नेताओं द्वारा पहले कहीं लागू किया जा चुका है।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कांग्रेस के कुछ नेता जनभावना को समझ कर अपनी बात तो रखते हैं लेकिन जैसे ही आलाकमान अपनी आंखे दिखाता है तो वह विचलित हो जाते हैं और अपने बयान से मुकर जाते हैं। कांग्रेस सरकार के एक मंत्री सदन के अंदर बयान देकर कुर्सी जाने के डर से पलट जाते हैं तो दूसरे मंत्री सोशल मीडिया में पोस्ट डालकर कर योगी मॉडल लागू करने की सूचना देते हैं इसके बाद मीडिया को बाकायदा बुलाकर कहते हैं कि हिमाचल के हितों को ध्यान में रखते हुए यूपी मॉडल लागू किया है और दिल्ली से फ़ोन आते ही पलट जाते हैं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मैंने पहले ही कहा था कि विक्रमादित्य अपने बयान पर क़ायम नहीं रह पाएंगे क्योंकि दिल्ली के दबाव के आगे कांग्रेस नेताओं के पैर काँपने लगते हैं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हिमाचल के नेता दिल्ली के दबाव के आगे हिमाचल के हितों से समझौता कर रहे है, यह दुःखद है। हिमाचल के हितों को सुक्खू सरकार अपनी सार्वधिक प्रमुखता की सूची में रखे और प्रदेश का माहौल खराब करने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!