हिमाचल

3500 मामलों के समाधान से 10 करोड़ राजस्व प्राप्ति का अनुमान: मुख्यमंत्री

सद्भावना विरासत मामले समाधान योजना को मंजूरी
3500 मामलों के समाधान से 10 करोड़ राजस्व प्राप्ति का अनुमान: मुख्यमंत्री
मुकदमों की संख्या कम करने और राजस्व प्राप्ति को बढ़ावा देने में कारगर होगी योजना

हिमाचल प्रदेश सरकार ने हिमाचल प्रदेश सद्भावना विरासत मामले समाधान योजना, 2025 को मंजूरी दे दी है, जिससे इसका दायरा बढ़ाकर गैर-समाहित अधिनियमों के तहत मामलों को भी शामिल किया है। उल्लेखनीय है कि डीज़ल और पेट्रोल जैसे पेट्रोलियम उत्पादों को नियंत्रित करने वाला राज्य मूल्य वर्धित कर अधिनियम जीएसटी के दायरे से बाहर है। इस नई योजना के तहत वित्त वर्ष 2017-18 तक के पेट्रोलियम उत्पादों से संबंधित मामलों का समाधान किया जाएगा। इससे गैर-समाहित अधिनियमों के तहत लंबित मामलों की संख्या को और कम किया जा सकेगा।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि नई योजना से लगभग 3,500 मामलों का समाधान होने की उम्मीद है। इससे लगभग 10 करोड़ रुपये का अनुमानित राजस्व प्राप्त होगा।
प्रदेश सरकार मुकदमों की संख्या को कम करने और राजस्व प्राप्ति को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके दृष्टिगत समय-समय पर विरासत मामले समाधान योजनाएं लागू की गई हैं। एक जुलाई, 2017 को वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम के कार्यान्वयन के बाद, प्रवेश कर, मनोरंजन कर और लग्जरी कर जैसे राज्य करों को जीएसटी के तहत समाहित कर दिया गया था। इन करों के अंतर्गत लंबित मामलों और विवादों को सुलझाने के लिए राज्य ने अब तक तीन विरासत मामले समाधान योजनाएं शुरू की हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन योजनाओं के तहत 48,269 लंबित मामलों का सफलतापूर्वक समाधान किया गया है, जिससे 452.68 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है और वादियों को राहत मिली है।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!