परिसीमन की सुगबुगाहट के बीच में विधानसभा क्षेत्र फतेहपुर की उपतहसील राजा का तालाब को अलग विधानसभा क्षेत्र बनाए जाने की चर्चा इन दिनों जोर पकड़ने लग पड़ी
राजा का तालाब (कांगड़ा) परिसीमन की सुगबुगाहट के बीच में विधानसभा क्षेत्र फतेहपुर की उपतहसील राजा का तालाब को अलग विधानसभा क्षेत्र बनाए जाने की चर्चा इन दिनों जोर पकड़ने लग पड़ी है।लोगों का कहना है कि कभी नूरपुर, कभी ज्वाली, अब फतेहपुर विधानसभा का हिस्सा रहे उपतहसील राजा का तालाब की हमेशा से ही राजनीतिक दृष्टि से अनदेखी होती रही है। फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र का सबसे अधिक क्राउडेड कस्बा चार विधानसभा क्षेत्रों का समान रूप से केंद्र बिंदु है।विधानसभा फतेहपुर के अधिक भीड़भाड़ वाले कस्बा राजा का तालाब को राजनीति गलियारे में हमेशा से हाशिए पर ही धकेला जाता रहा है। लोगों के अनुसार आबादी के हिसाब से यहां नागरिक हस्पताल होना चाहिए था।परन्तु स्वास्थ्य के नाम पर आठ वर्ष पहले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मिला।जो अभी तक अपनी नई इमारत में शिफ्ट नहीं हो पाया है।जबकि दो साल से अधिक समय पहले उपतहसील मिल पाई।उपमंडल स्तरीय केवल एक जलशक्ति विभाग का ऑफिस है।और पौंग बांध विस्थापितों का राहत एवं पुनर्वास कार्यालय है। जबकि पुलिस चौकी के लिए अभी तक लोग राह में आंखे गड़ाए बैठे हैं।आस पास की बड़ी आबादी का प्रतिनिधित्व करने वाले कस्बा राजा का तालाब में रोजाना हजारों लोगों का आना जाना लगा रहता है।स्थानीय लोगों कुलभूषण डोगरा, बृजेश शर्मा, राजेश चौधरी, रजनीश बंटी, रवींद्र ठाकुर, रमन कुमार, विकास भाटिया, प्रवीण टिंकू, पृथी सिंह, राजकुमार, मनोज शर्मा, रमेश चिब, अमनदीप, अर्जुन पठानिया, सुनील कुमार, संजय कुमार, सुरिंदर कुमार, सुरेश कुमार, सरुप गुलियाल, किशोर बड़ोतरा, चैन सिंह, विजय कुमार, हरबंस लाल, कमलजीत, नरेश कुमार का कहना है कि राजा का तालाब आस पास की चार विधानसभा क्षेत्रों का केंद्र बिंदु है। मध्यस्थल होने के वजह से कभी एक विधानसभा तो, कभी दूसरी का हिस्सा रहा है। उक्त कस्बा एक बड़ी आबादी का प्रतिनिधित्व करता है। ऐसे में अगर नई विधानसभाएं बनती हैं। तो राजा का तालाब एक आदर्श विधानसभा क्षेत्र साबित हो सकता है।
क्या कहते हैं क्षेत्र के नेता
पूर्व भाजपा प्रत्याशी बलदेव ठाकुर का कहना है कि 2026 में परिसीमन को लेकर आयोग के बैठने की संभावना है।जबकि इसी वर्ष इसकी फाइनल रिपोर्ट भी बन जाएगी। हो सकता है 2027 का चुनाव परिसीमन आधार पर ही हो।आस पास की चार विधानसभा क्षेत्रों फतेहपुर, ज्वाली, नूरपुर व इंदौरा की वोटर संख्या पौने चार लाख तक पहुंच चुकी है। ऐसे में पांच विधानसभा क्षेत्र बनना समय की जरूरत है।जिसके के लिए राजा का तालाब सबसे उपयुक्त विधानसभा क्षेत्र साबित हो सकता है। पिछले परिसीमन में बनोली, भोल, हरनोटा, ढसोली,मैरा सिद्धपुरघाड़, भरमाड़ को काटकर ज्वाली में डाला गया था। 60 से 70 हजार मतदाता होने पर एक उपयुक्त विधानसभा बनाई जा सकती है।उपतहसील राजा का तालाब के साथ लगते चारों विधानसभा क्षेत्रों के कुछ हिस्सों को काटकर बड़ी आबादी वाले राजा का तालाब के रूप में नया विधानसभा क्षेत्र बनाया जा सकता है।बड़े विधानसभा क्षेत्रों में बोर्डर के एरिया का विकास धीमा पड़ जाता है।जबकि छोटी विधानसभा क्षेत्र होने पर विकास के कार्यों में गति मिलती है।
भारतीय युवा कांग्रेस राष्ट्रीय सचिव और पंजाहड़ा पंचायत के निवासी अमित पठानिया(टोनी) का कहना है कि परिसीमन होता है। राजा का तालाब क्राउडेड क्षेत्र होने की वजह से नए विधानसभा क्षेत्र के लिए उपयुक्त है।बोर्डर एरिया होने की वजह से राजा का तालाब विकास के मामले में पिछड़ा हुआ है। छोटे विधानसभा क्षेत्र होंगे तो विकास के नए आयाम स्थापित होंगे।सरकारें जनता के लिए सुख सुविधाएं देने से पीछे नहीं हट रही हैं। ऐसे में राजा का तालाब के रूप में नया विधानसभा क्षेत्र बनना चाहिए।
संगठनात्मक जिला नूरपुर भाजपा महामंत्री कुलदीप डोगरा का कहना है कि आस पास की चार विधानसभा क्षेत्रों की आबादी को देखते हुए इनके कुछ हिस्सों की कांट छांट करके राजा का तालाब के रूप में नए विधानसभा क्षेत्र का गठन होना समय की मांग है।चारों विधानसभा क्षेत्रों फतेहपुर, ज्वाली, नूरपुर और इंदौरा के साथ सटा होने और आस पास कई पंचायतें होने की वजह से राजा का तालाब को नया विधानसभा क्षेत्र बनाना समय की मांग है।