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जाह्नवी शर्मा से अपने आवास पर मिले नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, जताई संवेदना

जाह्नवी शर्मा से अपने आवास पर मिले नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, जताई संवेदना

 

 

सरकार अब साजिशें करके परिजनों को और दुःख दे रही है : जयराम ठाकुर
इलाज के अभाव में मृत्यु के बाद सरकार कह रही है परिजन ही नहीं लेने आए इंजेक्शन

शिमला : नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने शिमला स्थित अपने आधिकारिक आवास पर आज जाह्नवी शर्मा से मुलाकात कर अपनी संवेदना व्यक्ति की। उन्होंने कहा कि एक तरफ सरकार की लापरवाही की वजह से जाह्नवी के पिता की जान गई है और अब सरकार अपनी नाकामी स्वीकार करने की बजाय पीड़ित परिवार पर ही आरोप लगाकर और भी बड़ा पाप कर रही है। एक बेटी के सर से पिता का साया उठ गया है और सरकार उस पर भी घटिया राजनीति कर रही है। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल्य जी कह रहे हैं कि इंजेक्शन उपलब्ध नहीं था आगे से ऐसा न हो इसके लिए इंजेक्शन की उपलब्धता सुनिश्चित करेंगे। सरकार दूसरी तरफ विभाग से बयान जारी करवा कर साबित करना चाह रही है कि पीड़िता इंजेक्शन लेने ही नहीं आई और सरकार द्वारा इलाज पर पैसा खर्च किया गया। सरकार द्वारा पैसा खर्च करके कोई एहसान नहीं किया गया। पीड़ित परिवार द्वारा हिम केयर का प्रीमियम भरा गया है। इसलिए सरकार एहसान जताना बंद करें और प्रदेश में ऐसा फिर किसी के साथ ना हो इसका प्रबंध करें।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मृतक की बेटी कह रही है कि वह अस्पताल के कई चक्कर लगा चुकी लेकिन उसे इंजेक्शन नहीं मिला। डॉक्टर ने उससे कहा कि अगर आपको बहुत जरूरी लगता है तो आप इंजेक्शन अपने पैसे से खरीद लीजिए। अगर सरकार को परिवार का भरोसा नहीं है तो वह अस्पताल में जहां दवा मिलती है वहां की सीसीटीवी फुटेज भी चेक कर सकती है और संबंधित अधिकारियों के कॉल रिकॉर्ड भी खंगाल सकती है। एक बेटी के सर से उसके पिता का साया उठ गया। लेकिन सरकार जो अब कर रही है वह और भी घटिया है। सरकार वही कर रही जिसका पहले से अंदेशा था। अब सरकार सारी गलती पीड़ित परिवार और विपक्ष पर थोप रही है। सरकार कह रही है कि परिजन इंजेक्शन लेने ही नहीं आए। जाह्नवी ने बात चीत में स्पष्ट किया कि उसने आवाज उठाने का फैसला सिर्फ़ इसलिए किया कि किसी और के परिवार के साथ इस तरह का दु:खद हादसा न हो।

जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री प्रदेश का अभिभावक होता है, इसीलिए मैंने जाह्नवी का वीडियो भी जब मुझे मिला तो सबसे पहले उसे मुख्यमंत्री को भेजकर उन्हें बताया कि जो हुआ वह बहुत गलत है साथ ही उनसे अनुरोध किया ऐसा ना हो इसके लिए वह जरूरी और प्रभावी कदम उठाएं। लेकिन अब सरकार जो कर रही है वह पीड़ित परिवार के साथ अमानवीयता की सारी हदें पार करने जैसा है।मेरा मुख्यमंत्री से आग्रह है कि वह अपनी अंतरात्मा की आवाज सुने और पीड़ित के साथ नाइंसाफी की जो साजिशें रच रहे हैं उसे बंद कर पीड़ित परिवार से माफी मांगे।

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