भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी कर्ण नंदा ने कहा कि वर्तमान कांग्रेस सरकार जन विरोधी
भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी कर्ण नंदा ने कहा कि वर्तमान कांग्रेस सरकार जन विरोधी
शिमला, भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी कर्ण नंदा ने कहा कि वर्तमान कांग्रेस सरकार जन विरोधी, कर्मचारी, युवा, महिला, किसान विरोधी है।
कांग्रेस की झूठी सरकार ने सत्ता में आने के लिए 10 गारंटियां दी थी जिसमें से एक भी गारंटी पूरी नहीं हुई, इनके बड़े-बड़े नेताओं ने बोला था कि सरकार बनते ही पहले कैबिनेट में 1 लाख नौकरी देंगे और 5 साल में 5 लाख नौकरियां देंगे, पर अगर हिसाब किताब जोड़ा जाए तो 2 वर्ष में इस जन विरोधी कांग्रेस सरकार एक लाख से अधिक नौकरियां छीन ली है।
हाल ही में बिजली बोर्ड की नौकरियां को निरस्त करने का फैसला अति निराशाजनक है।
नंदा ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कहा बिजली बोर्ड के निदेशक मंडल की बैठक में जो प्रस्ताव आया था, उसमें कुल मिलाकर बिजली बोर्ड में आने वाले समय में 7376 पदों को खत्म किया जाना प्रस्तावित है। वर्तमान में 600 पदों को खत्म किया जा रहा है। राज्य बिजली बोर्ड में मंजूर पदों में से 29 फीसदी पदों को खत्म करने का प्रस्ताव है। बिजली बोर्ड के कर्मचारियों के पदों को बोर्ड प्रबंधन के फैसले के बाद खत्म किया जाएगा।
बैठक में बोर्ड में 600 पदों को पहले चरण में खत्म करने का प्रस्ताव लाया गया है। इसमें बताया गया कि वर्तमान में बोर्ड में 25435 पद स्वीकृत हैं। इनमें से खाली पदों की संख्या 11989 है। इनमें से बिजली बोर्ड के ऑप्रेशन विंग में 10178 कर्मचारी, स्थापना विंग में 995 कर्मचारी, जैनरेशन विंग में 1014 व 96 कर्मचारी अन्य विभागों में हैं। वर्तमान में बिजली बोर्ड में 13446 कर्मचारी कार्यरत हैं। 600 पद खत्म हुए हैं।
नंदा ने कहा कि वर्तमान कांग्रेस सरकार को केवल मात्र अपने मित्रों और अपने खर्चों की पड़ी है, पर जनता के ऊपर लगातार महंगाई का बोझ बढ़ने का काम इस सरकार ने किया है। हाल ही में सरकार द्वारा 2 साल के अंतर्गत 30 हजार 80 करोड़ का ऋण ले लिया गया है, जो कि आज तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड है अब तो सुनने में यह भी आया है कि ग्रामीण क्षेत्र ने सामुदायिक भवनों एवं दुकानों में भी भारी भरकम टैक्स लगने वाला है।
पूरे प्रदेश में कर्मचारी वर्ग डरा हुआ है कि अगले महीने की सैलरी उनके खाते में आयेगी भी या नहीं। सरकार के खजाने खाली हो चुकी है ठेकेदारों को भुगतान हो नहीं रहा है, अब तो कर्मचारी भी आर्थिक तंगी के बोझ में दबा पड़ा है, प्रदेश में क्या होने वाला है उसे पूरी प्रदेश की जनता डरी हुई है। वास्तव में मुख्यमंत्री का एक ही लक्ष्य है कि हिमाचल प्रदेश की हालत श्रीलंका जैसी बनाने का यह मुख्यमंत्री ने अपने प्रथम भाषण में बोल भी था।