हिमाचल

राठौर की राजनीतिक दलों को नसीहत नशे पर न करे राजनीति

राठौर की राजनीतिक दलों को नसीहत नशे पर न करे राजनीति, सभी दल मिल कर नशे के खिलाफ लड़े लड़ाई।

हिमाचल प्रदेश में नशे का कारोबार बढ़ता जा रहा है ओर नशे पर राजनीति भी गरमा गई है। विपक्षी दल इसको लेकर हमलवार है। वहीं कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता और ठियोग से विधायक कुलदीप राठौर ने इसको लेकर पलटवार किया है और राजनीतिक दलों को नशे पर राजनीति करने के बजाय नशे के खिलाफ लड़ाई लड़ने की नसीहत दी है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में नशे को लेकर अलार्मिंग स्थिति पैदा हो गई है और प्रदेश के गांव स्तर तक नशा खास कर चिट्टा तस्करों ने अपना जाल बिछा दिया है जिसके चलते आए दिन युवा मौत का ग्रास बन रहे हैं। सरकार और पुलिस विभाग इसको लेकर कार्रवाई कर रहा है और आए दिन नशे के तस्करों को पकड़ा जा रहा है लेकिन निचले लेवल के तस्करों को पुलिस पकड़ रही है । जबकि जो नशे के बड़े तस्कर है जहां से सप्लाई होता है वहां पर दबिश दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि नशा तस्करी में कोई भी शामिल हो उसे नहीं बख्शा जाना चाहिए।
वहीं राठौर ने नेता प्रतिपक जयराम ठाकुर के आरोपों पर भी पलटवार किया और कहा कि नेता प्रतिपक्ष नशे के कारोबार को लेकर अपनी चिंता जाता रहे हैं लेकिन यह नशा हिमाचल में एक महीने या 1 साल में नहीं फैला है बल्कि पिछले कई वर्षों से नशे का कारोबार चल रहा है यदि नेता प्रतिपक्ष अपने कार्यकाल के दौरान ही इस पर शक्ति से पेश आते तो आज के समय में नशा ग्रामीण स्तरों तक नहीं पहुंच पाता उन्होंने कहा कि नशे पर राजनीतिक दलों को राजनीति नहीं करनी चाहिए बल्कि अपना सहयोग देना चाहिए और अपने स्तर पर नशे के खिलाफ सभी को अभियान चलाना चाहिए सरकार भी महिला मंडल व अन्य स्थानों पर इसको लेकर जागरूकता अभियान शुरू करें ताकि आने वाली पीढ़ी को इस नशे के जाल से बचाया जा सके।
उन्होंने कहा कि कोई भी कितना ही प्रभावशाली व्यक्ति क्यों ना हो यदि वे नशे के कारोबार में संकलित है उन्हें नहीं बक्शा जाना चाहिए

 

वही दिल्ली में कांग्रेस को मिली हार को लेकर कुलदीप राठौर ने कहा कि दिल्ली के नतीजे कांग्रेस के पक्ष में नहीं आए हैं आल्हा का मन इसको लेकर गंभीर है और हार को लेकरचिंतन हो रहा है । उन्होंने कहा कि संगठन को मजबूत करने की जरूरत है यदि संगठन मजबूत नहीं है तो चुनाव नहीं जीते जा सकते हैं। दिल्ली में लोगों में आम आदमी पार्टी के प्रति रोज था और दिल्ली में भाजपा नहीं जीती है बल्कि लोगों ने आम आदमी पार्टी को सत्ता से बाहर किया है।

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