शिमला

ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मज़बूती के लिए ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग डिजिटल कार्यप्रणाली अपनाए: मुख्यमंत्री

ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मज़बूती के लिए ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग डिजिटल कार्यप्रणाली अपनाए: मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज यहां ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था के सुदृढ़ीकरण के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि इस प्रयास में विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने विभाग को अपनी कार्यप्रणाली को डिजिटल बनाने के निर्देश दिए, जिससे आम लोगों तक निपुणता से सेवाओं तक पहुंच सुनिश्चित होगी।
उन्होंने कहा कि 27 अप्रैल, 2024 से ई-परिवार रजिस्टर का कार्यान्वयन अनिवार्य किया गया है और इस पहल के तहत 18.96 लाख परिवारों (99.84 प्रतिशत) का पंजीकरण किया जा चुका है। पहली बार दिसंबर, 2024 से इसी पोर्टल पर पशुधन का पंजीकरण भी शुरू किया गया है।
उन्होंने कहा कि लोगों की सुविधा के लिए वर्ष 2024-25 के दौरान ग्राम पंचायत भवनों में 780 कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) स्थापित किए गए हैं। इसके अतिरिक्त परिवार नकल, विवाह प्रमाण पत्र और बीपीएल प्रमाण पत्र जैसी सेवाएं अब ई-परिवार पोर्टल और ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2024-25 में अब तक 11,016 परिवार नकल, 3,595 विवाह प्रमाण पत्र तथा 5,004 बीपीएल प्रमाण पत्र ऑनलाइन जारी किए जा चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने मनरेगा मजदूरी में 60 रुपये की ऐतिहासिक वृद्धि की है, जिससे यह 240 रुपये से बढ़कर 300 रुपये प्रतिदिन हो गई है। प्रदेश सरकार ने मनरेगा श्रमिकों के लिए टॉप-अप धनराशि के रूप में 201.51 करोड़ रुपये जारी किए हैं।
उन्होंने महिला स्वयं सहायता समूहों की आय बढ़ाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर बल देते हुए कहा कि हाल ही में इन समूहों को सात फूड वैन आवंटित की गई हैं और अगले वित्त वर्ष में 60 और फूड वैन उपलब्ध करवाई जाएंगी। उन्होंने कहा कि राज्य के पर्यटन विभाग और पर्यटन विकास निगम के निर्माणाधीन सभी होटलों में स्वयं सहायता समूहों के लिए दुकानें आवंटित की जाएंगी। इसके अतिरिक्त स्वयं सहायता समूहों के उत्पाद जैसे साबुन आदि भी हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के होटलों को उपलब्ध करवाए जाएंगे, ताकि उनकी आय में वृद्धि हो सके।
मुख्यमंत्री ने विभाग को स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों तथा प्राकृतिक खेती उत्पादों के विपणन में सुधार लाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन बिक्री को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने हिम-ईरा ई-कॉमर्स वेबसाइट शुरू की है, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने विभाग को सभी परियोजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाने के निर्देश दिए तथा अधिकारियों को लोगों को अधिकतम लाभ पहुंचाने के लिए सक्रियता से कार्य करने को कहा।
बैठक में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, सचिव राजेश शर्मा, निदेशक राघव शर्मा, मुख्य कार्यकारी अधिकारी हिमाचल प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन शिवम प्रताप सिंह, निदेशक सूचना प्रौद्योगिकी डॉ. निपुण जिंदल तथा विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!