ज्वाली उपमंडल के निजी स्कूलों की मनमानी: शिक्षा बोर्ड के नियमों की उड़ रही धज्जियाँ
उपमंडल जवाली के अधीन आने वाले निजी स्कूल हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के नियमों की अवहेलना कर रहे हैं। निजी स्कूल संचालकों द्वारा बच्चों को स्कूलों में ही यूनिफार्म, टाई-बैल्ट, शूज, किताबें-कॉपियां अभिभावकों को बेची जा रही हैं तथा इस एवज में अभिभावकों को कोई बिल भी नहीं दिया जाता है। स्कूल संचालकों के पास किताबें-कॉपियां सहित अन्य सामग्री बेचने का कोई लाइसेंस नहीं है तथा बिना लाइसेंस ही किताबें-कॉपियां व अन्य सामान बेचकर टैक्स को चूना लगाया जा रहा है।
अभिभावकों की जेबों पर डाका डाला जा रहा है जबकि शिक्षा बोर्ड व प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है। बोर्ड के नियमों के विपरीत हर कक्षा में दाखिला फीस ली जा रही है। कुछ संचालकों द्वारा किताबें-कॉपियां, टाई-बैल्ट, यूनिफार्म, शूज बेचने के लिए स्कूल के पास ही दुकान खोली गई हैं ताकि शिक्षा बोर्ड व प्रशासन की आंखों में धूल झोंक सकें। अभिभावकों ने कहा कि अगर कोई अपने बच्चे को स्कूल से निकलवाने के लिए स्कूल छोड़ने का प्रमाण पत्र मांग रहा है तो उसकी एवज में भी पांच सौ रुपए वसूल किए जा रहे हैं।
अभिभावकों ने शिक्षा बोर्ड व प्रशासन से मांग की है कि निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाई जाए तथा स्कूलों में किताबें-कॉपियां व यूनिफार्म इत्यादि बेचने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।