नशे ने छीन लिया परिवार का जवान बेटा गांव के पास मिली देह
जिला बिलासपुर के स्वाहण गांव से एक बार फिर दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। शुक्रवार सुबह गांव के पास 24 वर्षीय युवक लखविंद्र सिंह का शव संदिग्ध परिस्थितियों में बरामद हुआ, जिससे क्षेत्र में सनसनी फैल गई है। प्रारंभिक जांच में युवक की मौत का कारण नशे की ओवरडोज माना जा रहा है।
सूचना मिलते ही स्वारघाट थाना पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी। ग्राम पंचायत स्वाहण के उपप्रधान जसविंद्र सिंह के अनुसार, लखविंद्र को मैहला-स्वाहण लिंक रोड के पास अचेत अवस्था में पाया गया था। उसकी मां, भाई और अन्य ग्रामीणों ने मौके पर उसकी पहचान की और बताया कि वह लंबे समय से नशे की लत से जूझ रहा था। परिजनों ने किसी साजिश या हत्या की आशंका से इनकार किया है। उन्होंने बताया कि लखविंद्र को पूर्व में नशा मुक्ति केंद्र में भी भर्ती करवाया गया था।
फोरेंसिक विशेषज्ञ प्रदीप कुमार ने मौके पर की गई प्रारंभिक जांच में पाया कि युवक के शरीर पर किसी तरह के संघर्ष या मारपीट के निशान नहीं थे। हालांकि, उसकी बाजू पर इंजेक्शन का ताजा निशान और खून के अंश मिलने से यह आशंका जताई जा रही है कि उसकी मौत चिट्टा (सिंथेटिक ड्रग) के इंजेक्शन से हुई हो सकती है।
नशे का कहर – बढ़ रही मौतें, टूटी उम्मीदें
यह घटना इस इलाके में पहली नहीं है। बीते कुछ महीनों में स्वाहण और आसपास के क्षेत्रों में नशे की ओवरडोज से कई युवाओं की मौत हो चुकी है। यह ट्रेंड अब गंभीर सामाजिक संकट का रूप ले चुका है। युवा पीढ़ी तेजी से नशे की गिरफ्त में आ रही है, जिससे पारिवारिक और सामाजिक ढांचे को गहरा आघात पहुंच रहा है।
लखविंद्र के शव को पोस्टमार्टम के लिए क्षेत्रीय अस्पताल, बिलासपुर भेजा गया है। मामले की पुष्टि करते हुए डीएसपी मदन धीमान ने बताया कि पुलिस हर पहलू से जांच कर रही है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत का असली कारण स्पष्ट हो पाएगा।
समाज के सामने सवाल – कब थमेगा नशे का ये सिलसिला?
यह दर्दनाक घटना एक बार फिर प्रशासन, समाज और परिजनों के सामने एक बड़ा सवाल छोड़ गई है — कब थमेगा युवाओं में नशे का कहर? गांवों में नशा विरोधी अभियान को तेज करने, युवाओं को पुनर्वास सेवाएं उपलब्ध कराने और जागरूकता बढ़ाने की मांग फिर से जोर पकड़ने लगी है।