दो महीने बाद शुक्रवार को पौंग झील में मछली पकड़ने पर प्रतिबन्ध हटा
दो महीने बाद शुक्रवार को पौंग झील में मछली पकड़ने पर प्रतिबन्ध हटा
सुर्जन कुमार ने 25.3 किलोग्राम कतला प्रजाति की सबसे बड़ी मछली पकड़ी
प्रेम स्वरूप शर्मा : पौंग झील में मछली पकड़ने पर शुक्रवार को प्रतिबन्ध हट गया है। 15 जून से 15 अगस्त तक मछली प्रजनन सीजन के कारण मछली पकड़ने पर प्रतिबन्ध रहता है। मछली के शौकीन दो महीने बाद अब पौंग झील की स्वादिष्ट मछली का जायका ले सकेंगे। इस बार पहले दिन शुक्रवार को पौंग झील में पिछले साल की अपेक्षा 731.4 किलोग्राम मछली कम पकड़ी गई। इस साल 16 अगस्त को 16400.4 किलोग्राम मछली पकड़ी गई, जबकि पिछले साल 16 अगस्त को 17131.8 किलोग्राम मछली पकड़ी गई थी। इस बार नगरोटा सूरियां में सबसे अधिक 2266 किलोग्राम मछली पकड़ी गई, जबकि ज्वाली में सबसे कम 110.4 किलोग्राम मछली पकड़ी गई। नगरोटा सूरियां के सुर्जन कुमार ने 25.3 किलोग्राम कतला प्रजाति की सबसे बड़ी मछली पकड़ी।
पौंग झील में कुल 15 मत्स्य सहकारी सभाएं है और 2600 के करीब मछुआरे झील में मछली पकड़ने का कार्य करते हैं।
कहाँ कितनी मछली पकड़ी गई
फिशरी सोसायटी में देहरा 2192 किलोग्राम, हरिपुर में 1924 किलोग्राम, नन्दपुर में 1761.2 किलोग्राम, नगरोटा सूरियां में 2266 किलोग्राम, हरसर में 1410 किलोग्राम, ज्वाली में 110.4 किलोग्राम, गुगलाड़ा में 1373.4 किलोग्राम, सिहाल में 959.1 किलोग्राम, धमेटा में 1032.9 किलोग्राम, खटियाड़ में 812.6 किलोग्राम, स्थाना में 1570.6 किलोग्राम, बरनाIली में 422.7 किलोग्राम, स्यूल खड्ड में 175.6 किलोग्राम, डाडासीबा में 236.8 किलोग्राम व जाम्बल में 152.8 किलोग्राम मछली पकड़ी गई।