शिमला

सीएम की संवेदनहीनता की पोल फिर खुली : राजेंद्र राणा

सीएम की संवेदनहीनता की पोल फिर खुली : राजेंद्र राणा

पुष्पेन्द्र चौधरी :  पूर्व विधायक राजेंद्र राणा ने कहा है कि एक तरफ सुख आश्रय योजना की आड़ में मुख्यमंत्री जनता में वाही वाही लूटने का प्रयास कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ उनका संवेदनहीन चेहरा लगातार उजागर हो रहा है, जो जनता के विश्वास के साथ धोखा है।

आज यहां जारी एक बयान में राजेंद्र राणा ने कहा कि स्वयं मुख्यमंत्री के गृह जिले से ताल्लुक रखने वाले 90% से अधिक दृष्टि बाधित राजनीति शास्त्र के एक प्रवक्ता की मेडिकल आधार पर मौजूदा स्थिति को देखते हुए माननीय उच्च न्यायालय तो पसीज जाता है और शिक्षा विभाग को उक्त प्रवक्ता को सुविधाजनक स्थान पर तैनात करने के निर्देश देता है लेकिन सुक्खू सरकार के तंत्र के आगे उक्त प्रवक्ता बेबस हो जाते हैं। राजेंद्र राणा ने कहा कि राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय जंदडू में कार्यरत राजनीति शास्त्र के प्रवक्ता नितिन शर्मा 90% से अधिक दृष्टिबाधित होने के कारण हमेशा दूसरे व्यक्ति का सहारा लेकर अपनी ड्यूटी को अंजाम दे रहे हैं और वह चार बार मुख्यमंत्री से शिमला में मिलकर उनसे यह गुहार लगा चुके हैं कि जिला हमीरपुर में ही स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय रंगस में पिछले 10 महीने से खाली पड़े राजनीति शास्त्र के प्रवक्ता के पद पर उन्हें ट्रांसफर किया जाए। लेकिन उनकी फरियाद से मुख्यमंत्री अभी तक नहीं पसीजे हैं। उक्त प्रवक्ता द्वारा जब माननीय उच्च न्यायालय में दस्तक दी गई तो वहां से उच्चतर शिक्षा विभाग के निदेशक को यह निर्देश दिए गए कि इन्हें उपयुक्त स्थल पर एडजस्ट किया जाए। उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार 14 अगस्त को विभाग नितिन शर्मा के रंगस में पोस्टिंग के आदेश जारी कर देता है और तीन दिन के बाद 17 अगस्त को ही विभाग अपने आदेश निरस्त कर देता है। इससे पहले विभागीय आदेश मिलने पर जब उक्त प्रवक्ता ज्वाइनिंग देने स्कूल में जाते हैं तो उन्हें 3 घंटे बिठाकर रखा जाता है और बाद में उनके स्थानांतरण आदेश ही रद्द हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि किसके दबाव में यह आदेश निरस्त किए गए, इसका खुलासा होना चाहिए।

राजेंद्र राणा ने कहा कि एक तरफ मुख्यमंत्री व्यवस्था परिवर्तन की बात कहते हैं और अपनी सरकार को संवेदनशील करार देने में कोई कसर नहीं छोड़ते, वहीं दूसरी तरफ इस प्रकरण से मुख्यमंत्री का संवेदनहीन चेहरा एक बार फिर से जनता के सामने उजागर हो गया है। राजेंद्र राणा ने कहा कि वर्तमान मुख्यमंत्री सुक्खू प्रदेश के इतिहास में पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं जो जनता से मिलना मुनासिब नहीं समझते और जनता रेस्ट हाउस के बाहर घंटो उनसे मिलने का इंतजार करती रहती है । उन्होंने कहा कि आज प्रदेश का हर वर्ग खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहा है। हर वर्ग के साथ मुख्यमंत्री ने वादा खिलाफी की है।

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