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वर्ल्ड फिशरीज डे पर जकातखाना में आयोजित किया गया मछुआरा सम्मेलन

वर्ल्ड फिशरीज डे पर जकातखाना में आयोजित किया गया मछुआरा सम्मेलन

राजेंद्र ठाकुर : वर्ल्ड फिशरीज डे के अवसर पर आज जकातखाना कार्यालय में मछुआरों का एक विशेष सम्मेलन आयोजित किया गया। इस सम्मेलन का आयोजन मत्स्य विभाग के निदेशक विवेक चंदेल की अध्यक्षता में हुआ, जिसमें मछुआरों को विभागीय योजनाओं और सरकारी सहायता के लाभ के बारे में जानकारी प्रदान की गई। सम्मेलन में जकातखाना मत्स्य अवतरण केन्द्र के अंर्तगत कार्यरत विभिन्न मत्स्य सहकारी सभाओं से जुड़े 30 मछुआरों ने भाग लिया। इस दौरान मछुआरों को सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का विस्तार से जानकारी दी गई। विशेष रूप से मछुआरों को एनएफड़ीपी (नेशनल फिशरीज डेवलपमेंट प्रोग्राम) पोर्टल पर पंजीकरण की प्रक्रिया के बारे में बताया गया, जिससे वे सरकारी योजनाओं से जुड़कर उनका लाभ उठा सकेंगे। इसके अतिरिक्त, लोकमित्र केन्द्र के माध्यम से भी मछुआरों को पंजीकरण की सुविधा प्रदान की गई, ताकि वे विभिन्न योजनाओं और सरकारी सहायता का फायदा उठा सकें। सम्मेलन में मत्स्य अधिकारी विवेक कमल ने मछुआरों को विभागीय योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एनएफड़ीपी पोर्टल पर पंजीकरण से मछुआरों को सरकारी योजनाओं से जुड़ने और उन्हें लाभ प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।
सहायक निदेशक, मत्स्य मण्डल बिलासपुर पंकज ठाकुर ने बताया कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने इस वर्ष नई योजनाओं की शुरुआत की है, जिनमें “मत्स्य तालाच का निर्माण” और “प्रथम वर्षीय आदानों पर उपदान” शामिल हैं। इस योजना के अंतर्गत मछली पालन करने वाले कृषकों को 80% की सब्सिडी दी जा रही है। इस योजना के तहत मछली पालन के लिए तालाब निर्माण हेतु मत्स्य मण्डल, बिलासपुर को 26.78 लाख रुपये की राशि प्राप्त हो चुकी है। उन्होंने मछुआरों से अपील की कि वे इस योजना का लाभ उठाकर अपने मछली पालन व्यवसाय को बढ़ाएं और राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ उठाएं। मछली पालन में रुचि रखने वाले व्यक्ति इस योजना के तहत सहायता प्राप्त करने के लिए मत्स्य मण्डल, बिलासपुर या नजदीकी मत्स्य अधिकारी कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं।
इसके अतिरिक्त, पंकज ठाकुर ने जानकारी दी कि 22 नवम्बर, 2024 को मत्स्य विभाग द्वारा गोविन्दसागर और कोलबांध जलाशय में प्रतिवर्ष की जाने वाली मछली बीज संग्रहण प्रक्रिया की इस वर्ष की अंतिम बीज संग्रहण प्रक्रिया बिलासपुर के लुहणू और कसोल स्थानों पर सम्पन्न हुई। उन्होंने बताया कि मछली बीज संग्रहण के परिणाम अब सकारात्मक रूप से दिखाई दे रहे हैं, जिससे इस वर्ष मछली उत्पादन में वृद्धि हुई है।
पंकज ठाकुर ने बताया कि गोविन्दसागर जलाशय में मछली उत्पादन में पिछले वर्ष की तुलना में 1,17,621 किलोग्राम की वृद्धि दर्ज की गई है। यह वृद्धि मछुआरों के लिए लाभकारी साबित हो रही है, क्योंकि मछली उत्पादन में वृद्धि के साथ-साथ मछुआरों को अधिक आय प्राप्त हो रही है। मछली बीज संग्रहण का कार्य न केवल मछली उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह मछुआरों के लिए एक स्थिर और लाभकारी आय का स्रोत भी है।

मत्स्य मण्डल बिलासपुर का निरंतर प्रयास रहेगा कि जिला में मछली पालन को बढ़ावा दिया जाए और मछुआरों की आर्थिकी में सुधार लाया जाए। विभाग द्वारा लगातार जनकल्याणकारी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है, जिससे मछुआरों के जीवन स्तर में सुधार हो और उन्हें बेहतर आजीविका के अवसर प्राप्त हों |

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