सुक्खू सरकार का बजट छलावा, कांग्रेस राज में हिमाचल कर्ज के पहाड़ तले:…
सुक्खू सरकार का बजट छलावा, कांग्रेस राज में हिमाचल कर्ज के पहाड़ तले: अनुराग सिंह ठाकुर
कांग्रेस राज में व्यवस्था परिवर्तन नहीं व्यवस्था पतन पर ज़ोर: अनुराग सिंह ठाकुर
12 मार्च 2025 हिमाचल प्रदेश: पूर्व केंद्रीय मंत्री व हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कांग्रेस सरकार द्वारा विधानसभा में पेश बजट को छलावा बताते हुए कहा कि कांग्रेस ने हिमाचल को कर्ज के पहाड़ तले दबाने का काम किया है।
अनुराग सिंह ठाकुर में कहा “ व्यवस्था परिवर्तन का नारा देने वाली कांग्रेस हिमाचल में व्यवस्था पतन का कारक बनी है। सुक्खू सरकार द्वारा विधानसभा में पेश अनुपूरक बजट छलावा से ज़्यादा कुछ नहीं है। कांग्रेस सरकार के आर्थिक कुप्रबंधन के चलते आज हिमाचल प्रदेश कर्ज के भारी भरकम बोझ तले दब गया है। ऐसे में इस सरकार के ज़िम्मेदार लोग प्रदेश हित में कोई ठोस निर्णय लेने की बजाय कुंभकर्णी नींद में सोए हुए हैं। कांग्रेस बताये कि सरकार बनाने के लिए इन्होंने जो जनता से जो झूठे वादे किए थे और झूठी गारंटियाँ दीं थीं उनको पूरा करने का इस बजट में क्या प्रावधान किया। किसानों से 2 रुपये किलो गोबर ख़रीदने, महिलाओं को 1500 रुपये देने, युवाओं को रोज़गार, बागवानों को फलों की सही क़ीमत समेत 10 गारण्टियों को पूरा करने के लिए कांग्रेस सरकार ने इस बजट में कितने रुपयों का प्रावधान किया ये बताया जाना चाहिए। सुक्खू सरकार बताए कि हिमाचल में केंद्र की परियोजनाएँ में प्रदेश की हिस्सेदारी के पैसे रोक कर क्यों इन जनहित की इन परियोजनाओं को पूरा होने से रोकने का कुत्सित प्रयास किया जा रहा है”
अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा “ हिमाचल प्रदेश में आए दिन कांग्रेस सरकार तानाशाही और मनमानी के नए कीर्तिमान बना रही है। पहले तो कांग्रेस ने प्रदेश को आर्थिक आपातकाल की कगार पर लाकर खड़ा कर दिया और अपने अजोबोग़रीब फ़ैसलों से कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश का देशव्यापी मज़ाक़ बना दिया है। कभी टॉयलेट टैक्स, कभी मंदिरों से धन उगाही, कभी हिमाचल भवन की नीलामी का कोर्ट से आदेश और अब ये सरकार स्कूली बच्चों के पैसों से अपनी विलासिता जारी रखना चाहती है। स्कूलों में मैजिक शो से 30 प्रतिशत
का कमीशन माँगना इनकी निर्लज्जता का प्रतीक है। आज कांग्रेस का मॉडल देशभर में फेल हो रहा है और कांग्रेस शासित राज्यों में जनता इनके झूठे वादों, खोखले दावों, फेल गारण्टियों और राजनैतिक अकर्मण्यता से तंग आ चुकी है। आख़िर कांग्रेस अन्याय का यह सिलसिला कहाँ जाकर रोकेगी ?