ऑपरेशन सिन्दूर: पाक के सुर में सुर मिलाते ‘जयचंदों’ से सावधान रहने की जरूरत
अपना देश भी अजीब है यहां बहुत लोगों को अपने आप को और अपने देश को बेइज्जत करने में बहुत अच्छा लगता है और उन्हें लगता है कि उनके बेहूदे बयानों से उन्हें पब्लिसिटी मिलेगी। हो सकता है कि कुछ विशेष वर्ग के लोग उनके ऐसे बयानों पर ताली बजायें परंतु मीडिया में मुख्य वर्ग उनके बयानों को सुन बहुत भद्दे कमेंट भी करती है जैसे कि क्या यह अंधे हैं या क्या यह पाकिस्तान से मिले हुए हैं या यह लोग क्या सिद्ध करना चाहते हैं?
पाकिस्तान के घड़ियाली आंसू
भारत ने पहलगाम की नृशंस घटना के लिए दोषी आतंकवादियों को सजा देने के लिए कार्रवाई की और 11 जगहों पर उनके अड्डों को नष्ट कर 100 से अधिक आतंकवादी और उनके परिवारों को समाप्त किया जिसके बाद हुए पाकिस्तानी हमलों के जवाब में पाकिस्तान के 10 से ज्यादा एयरपोर्ट और एयर डिफेंस सिस्टम को तबाह किया। पाकिस्तान के अंदर 100 किलोमीटर के अंदर जाकर प्रहार किया यहां तक की पाकिस्तान के परमाणु ठिकानों तक भी बिना रुकावट के पहुंच गए, पाकिस्तान को घुटनों पर ला दिया और मरी हालत में पाकिस्तान जब रोया तो अमेरिका ने चीनी प्रभाव को कम करने के अपने बड़े एजेंडे को बढ़ाने का मौका देखते हुए भारत के प्रधानमंत्री से युद्ध विराम का अनुरोध किया जिस पर मोदी जी ने दो टूक जवाब दिया कि पाकिस्तान को “ऑफ रैंप“।
(युद्ध में छोड़ कर भागने का मिलिट्री नाम) नहीं दिया जा सकता। यदि पाकिस्तान युद्ध विराम चाहता है तो वह पहले घोषणा करे और भारत से विधिवत अनुरोध करे और आगे से यह भी ध्यान रखें कि “भविष्य में उसकी गोली का जवाब गोले से दिया जाएगा“ इसके बाद पाकिस्तान के ऑफिसर ने भारत के ऑफिसर का नंबर मिलाया और कहा कि बात करनी है।
घुटनों पर आया पाकिस्तान
DGMO भारत ने पाकिस्तान के अधिकारी के अनुरोध पर विचार कर बात करने पर सहमति जताई और बात के बाद युद्ध विराम की घोषणा हुई। इस प्रकार भारत का यह अभियान पाकिस्तान को घुटनों पर लाकर ख़त्म हुआ और हमारा मकसद तो पहलगाम की घटना की सजा देनी थी जो पूरी हुई, भारत ने स्वयं कभी युद्ध की ठानी ही नहीं थी। इस प्रकार भारत की जीत हुई। वहीं पाकिस्तान ने घुटने टेक दिए और बहुत बड़ा नुकसान झेला उसके सारे मिसाइल, ड्रोन भारत का कोई नुकसान नहीं कर पाए और तो और उसके सारे चीनी डिफेंस सिस्टम फेल हुए और बहुत सारे तबाह हुए, बहुत सारे सैनिक मारे गए। इन सबके बाद भी उसका प्रधानमंत्री झूठ बोल कर कह रहा है कि उसकी जीत हुई है और पाकिस्तान की जनता, उसका मीडिया, यह जानते हुए भी कि देश हारा है उसके झूठे बयान पर यकीन कर अपना कॉलर ऊंचा कर घूम रहा है।
‘जयचंदों’ की असल दिक्कत क्या?
वहीं हमारे कुछ अहम लोग हमारे प्रधानमंत्री और सरकार पर सवाल उठा रहे हैं और भारत सरकार इस पूरे अभियान में आज़ादी के बाद किसी आतंकवादी घटना के लिए सबसे बड़ा बदला सफलतापूर्वक लेकर भी परसेप्शन के लिए जूझ रही है क्योंकि कुछ लोगों को इस बात से परेशानी है कि सारा क्रेडिट मोदी जी को क्यों मिल रहा है। ‘जयचंद’ अब वह सवाल करने के लिए जागे हैं कि युद्ध विराम क्यों किया? किसी तीसरे ने यह घोषणा क्यों की। अरे भाई पहले यह बताओ कि क्या भारत ने युद्ध की शुरुआत की थी।
भारत को आतंकवादी घटना का बदला लेना था वह पहले ही दिन पूरा हो गया उसके बाद का पाकिस्तान का नुकसान तो बोनस है ऐसे में कार्रवाई तो रुकनी ही थी आज नहीं तो कल ऐसे में दुश्मन के घुटने टेकने पर रुकी तो आलोचना क्यों?
वोट बैंक को खुश करने की कोशिश साफ़ है कि कुछ लोगों को भारत की सेना पर यकीन नहीं है और येन केन प्रकारेण देश की संस्थाओं की बुराई करने से उन्हें दुनिया में बदनाम करने में बहादुरी लगती है और लगता है कि उनका वोट बैंक उससे ख़ुश होता है परंतु वह यह नहीं जानते की देश की एक बड़ी जनसंख्या उनके इस प्रकार के ऊल जलूल बयानों पर हंसती है, मजा लेती है।
एक तरह से अच्छा है यह लोग इसी मुग़ालते में रहें देर सबेर भगवान इनको सद्बुद्धि देगा परंतु पाकिस्तान को ये लोग मसाला देते रहेंगे और उसका समर्थन करते रहेंगे क्योंकि हमारे देश में जयचंदों की कमी नहीं है।
देश का प्रत्येक नागरिक सरकार और सेना के साथ खड़ा है आज देश के हर नागरिक को चाहिए कि वह देश के नेतृत्व के साथ खड़ा रहे। आज जो देश का सामर्थशाली व मजबूत नेतृत्व है उसका एक संदेश है कि हम विकसित भारत 2047 पर काम कर रहें हैं।
दुनिया की कोई ताकत हमारा रास्ता नहीं रोके और अब हम में क्षमता है कि हम दुश्मन को उसके घर में मारेंगे और मजबूती से आगे बढ़ेंगे, इस संदेश को आत्मसात करें और ऐसे नेता जो वर्ग विशेष को खुश करने के लिए ऐसे सवाल करते हैं उनका विरोध करें, उनको असलियत बताएं ताकि हम सब मिलकर सकारात्मक तरीके से देश को तरक्की के रास्ते पर रखें और विकसित भारत 2047 के लक्ष्य की ओर बढ़ें।